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Friday, February 3, 2012

चंडीगढ़ में 156 इमीग्रेशन कंपनियां नकली


 
चंडीगढ़-विदेश भेजने की आड़ में लाखों करोड़ों रुपए बटोरने का खेल इत्मीनान से चल रहा है।चंडीगढ़ में 156 इमीग्रेशन कंपनियां ऐसी हैं जिनके पास न तो रजिस्ट्रेशन है न लाइसेंस।
गोरखधंधा चलाने वाली ऐसी कंपनियों की तालाबंदी शुरू कर दी गई
है। अब तक 17 कंपनियां सील की जा चुकी हैं। सात कंपनियों के विरुद्ध केस दर्ज किया जा चुका है। दो कंपनी मालिकों महेश गुप्ता [कानेक्स,सेक्टर-34] और नितिन गुप्ता [एईआईएस, 34ए] को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एसएसपी नौनिहाल सिंह का कहना है कि विदेश मंत्रालय से मान्यता हासिल करने वाले इमीग्रेशन एजेंटों की संख्या सिर्फ 22 है जबकि अभी तक 186 कंसलटेंसी एजेंसियों के नाम सामने आ चुके हैं।
इमीग्रेशन स्कैम का भंडाफोड़ करने वाली विशेष जांच टीम का नेतृत्व कर रहे सीआईडी डीएसपी अनिल जोशी के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तारप्रदेश और दिल्ली तक इमीग्रेशन का जाल बिछा चुकी नामावर कंपनियों के पास न तो वांछित मान्ताएं हैं न ही वे विदेश मंत्रालय के मान्यता प्राप्त एजेंटों की सूची में हैं।
जोशी ने कहा छापेमारी के चलते जब इमीग्रेशन कंपनी के पास सीविल में एक कर्मी को बतौर ग्राहक भेजा गया है तो कंपनी ने खुलेआम लाइसेंस होने की हामी भरी और वर्क परमिट के लिए भी हां कर दी, ऐसा लिख कर भी दे दिया। लेकिन कंपनी के पास वर्क परमिट का लाइसेंस ही नहीं है जबकि वेबसाइटों पर वर्कपरमिट दिलाने का खुलकर वादा किया गया है।
डीएसपी जोशी ने कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूआईसीएस के नाम से स्थापित कंपनी की वेबसाइट भी इमीग्रेशन नियम उल्लंघन में दोषी पायी गई है। सिटी के प्रमुख सेक्टर-22सी में स्थिति कंपनी कार्यालय, एससीओ नंबर 2415-16 को सील कर दिया गया है।

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